प्रश्न: भारत में पर्यटन क्षेत्र की वर्तमान स्थिति का परीक्षण कीजिए। इसके विकास में बाधा डालने वाली प्रमुख चुनौतियां क्या हैं? साथ ही वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में भारत की क्षमता को बढाने के उपाय सुझाइए।
Examine the current state of the tourism sector in India. What are the key challenges hindering its growth? Also suggest measures to enhance India’s potential as a global tourist destination.
उत्तर: भारत में पर्यटन क्षेत्र विविध और समृद्ध है, जिसमें ऐतिहासिक स्थलों, प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विरासत का अद्वितीय संगम है। यह देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है, रोजगार सृजन करता है और भारत को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने में सहायक होता है। सरकार की कई योजनाएँ इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत हैं।
भारत में पर्यटन क्षेत्र की वर्तमान स्थिति:
(1) आर्थिक योगदान: भारत में पर्यटन क्षेत्र का आर्थिक महत्व अत्यधिक है। यह जीडीपी में योगदान करता है और रोजगार सृजन में मदद करता है। इसके अलावा, यह देश को विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक प्रमुख साधन प्रदान करता है, जो देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है।
(2) सांस्कृतिक धरोहर: भारत की सांस्कृतिक धरोहर, जैसे ताजमहल, अजंता-एलोरा, कुतुब मीनार और अन्य ऐतिहासिक स्थल, दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। भारत का विविध सांस्कृतिक इतिहास और कला पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है, जिससे यह क्षेत्र बढ़ावा पा रहा है।
(3) आधुनिक पर्यटन सुविधाएँ: भारत में पर्यटन की सुविधाओं में सुधार हुआ है, जैसे होटलों की गुणवत्ता, परिवहन सेवाएँ और गाइड सेवाएँ। इन सुधारों ने पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाया है, जिससे अधिक पर्यटक आकर्षित हो रहे हैं। इसके साथ ही, डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से बुकिंग की प्रक्रिया सरल हुई है।
(4) स्वास्थ्य और धार्मिक पर्यटन: भारत में धार्मिक पर्यटन का महत्त्व बढ़ा है, जैसे वाराणसी, तिरुपति और अमृतसर। साथ ही, योग और आयुर्वेद भी वैश्विक स्तर पर आकर्षण का केंद्र बने हैं। यह दोनों क्षेत्र न केवल भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को बढ़ावा देते हैं, बल्कि स्वास्थ्य पर्यटकों की संख्या भी बढ़ाते हैं।
(5) सरकारी योजनाएँ: ‘इन्क्रेडिबल इंडिया’ और ‘देखो अपना देश’ जैसी सरकारी योजनाएँ भारत के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन योजनाओं के तहत भारत की विविधता और सांस्कृतिक धरोहर को उजागर किया जाता है, जिससे वैश्विक स्तर पर पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होती है।
पर्यटन विकास में बाधा डालने वाली प्रमुख चुनौतियाँ:
(1) अपर्याप्त बुनियादी ढांचा: भारत में कई पर्यटन स्थलों पर बुनियादी ढांचे की कमी है, जैसे सड़क, परिवहन और स्वच्छता सुविधाएँ। यह पर्यटकों के अनुभव को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है, जिससे पर्यटन में रुकावट आती है। सुधार की आवश्यकता है ताकि पर्यटक आसानी से यात्रा कर सकें।
(2) सुरक्षा की समस्या: पर्यटकों के लिए सुरक्षा एक बड़ी चिंता का विषय है, खासकर महिलाओं के लिए। पर्यटकों को धोखाधड़ी और चोरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति को सुधारने के लिए सुरक्षा उपायों को और कड़ा करना आवश्यक है ताकि विश्वास बहाल किया जा सके।
(3) पर्यावरणीय चुनौतियाँ: अत्यधिक पर्यटन के कारण प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव बढ़ता है और प्रदूषण में वृद्धि होती है। इससे पर्यावरणीय संतुलन में गड़बड़ी होती है, जो दीर्घकालिक स्थायित्व के लिए खतरे का कारण बन सकता है। यह स्थायी पर्यटन के लिए एक बड़ी चुनौती है।
(4) वैश्विक प्रतिस्पर्धा: भारत के पर्यटन क्षेत्र को अन्य देशों से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। चीन, थाईलैंड और अन्य देशों में पर्यटन सुविधाएँ और प्रचार बेहतर हैं। भारत को अपनी पर्यटन सेवाओं और प्रचार में सुधार की आवश्यकता है ताकि यह वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बने।
(5) मौसमी निर्भरता: भारत के कई प्रमुख पर्यटन स्थल विशिष्ट मौसमों में ही आकर्षक होते हैं, जैसे हिल स्टेशन सर्दियों में। इससे पूरे वर्ष पर्यटन आय स्थिर नहीं रहती और पर्यटन क्षेत्र को अनिश्चितता का सामना करना पड़ता है। इसे स्थिर बनाने के लिए स्थायी पर्यटक आकर्षणों की आवश्यकता है।
भारत को वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के उपाय:
(1) बुनियादी ढांचे में सुधार: भारत में सड़कों, परिवहन और स्वच्छता सुविधाओं में सुधार करना चाहिए। पर्यटन स्थलों की कनेक्टिविटी और सुविधाओं को बढ़ाकर पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाया जा सकता है। इस सुधार से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा।
(2) सुरक्षा बढ़ाना: पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निगरानी व्यवस्था को मजबूत करना चाहिए। पुलिस और सुरक्षा सेवाओं को बेहतर बनाना चाहिए, खासकर महिला पर्यटकों के लिए। इससे पर्यटकों को सुरक्षित महसूस होगा और भारत की पर्यटन छवि भी सुधरेगी।
(3) पर्यावरण संरक्षण: स्थायी पर्यटन को बढ़ावा देना और पर्यावरणीय नीतियाँ लागू करना आवश्यक है। पर्यावरणीय संरक्षण के साथ-साथ पर्यटन स्थलों का संरक्षण करना चाहिए। यह न केवल प्राकृतिक सौंदर्य को बनाए रखेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सुरक्षित रखेगा।
(4) वैश्विक प्रचार: भारत के पर्यटन स्थलों का डिजिटल माध्यमों और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रचार बढ़ाना चाहिए। पर्यटन स्थलों के आकर्षण को प्रदर्शित करने के लिए सोशल मीडिया और डिजिटल कैंपेन को और प्रभावी बनाना चाहिए, जिससे वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।
(5) विविध पर्यटन विकल्प: भारत को स्वास्थ्य, एडवेंचर, सांस्कृतिक और ग्रामीण पर्यटन जैसे विविध विकल्पों को बढ़ावा देना चाहिए। यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा और भारत को एक बहुआयामी पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करेगा, जो विभिन्न प्रकार के पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
भारत में पर्यटन क्षेत्र की व्यापक संभावनाएँ हैं, परंतु इसके उचित विकास के लिए बुनियादी ढांचे, सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देना आवश्यक है। सरकार और निजी क्षेत्र के सहयोग से भारत को एक प्रमुख वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित किया जा सकता है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।