प्रश्न: व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) योजना शहरी बुनियादी ढांचे के विकास का समर्थन कैसे कर सकती है? इन रणनीतियों के सफल कार्यान्वयन में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।
How can the Viability Gap Funding (VGF) scheme support the development of urban infrastructure? Evaluate the role of public-private partnerships (PPP) in the successful implementation of these strategies.
उत्तर: व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (VGF) योजना भारत सरकार द्वारा शहरी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अपनाई गई एक वित्तीय पहल है। इसमें सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) को बढ़ावा देकर वित्तीय अंतर को पाटने के लिए सरकारी सहायता दी जाती है, जिससे परियोजनाएं आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनती हैं।
VGF योजना का शहरी बुनियादी ढांचे में योगदान
(1) आर्थिक व्यवहार्यता सुनिश्चित करना: VGF योजना शहरी परियोजनाओं की आर्थिक व्यवहार्यता को सुनिश्चित करती है। इसके तहत सरकारी सहायता से निजी निवेशकों के लिए पूंजीगत अंतर को पाटते हुए, विकास कार्यों को शुरू करना संभव हो पाता है।
(2) परियोजना की समयबद्धता में योगदान: VGF योजना के अंतर्गत शहरी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में मदद मिलती है। सरकारी वित्तीय सहायता के कारण, कार्यों को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करना आसान हो जाता है, जिससे विकास दर में तेजी आती है।
(3) जोखिम कम करना: VGF के तहत, सरकार जोखिम को साझा करती है, जिससे निजी क्षेत्र के निवेशक अधिक प्रेरित होते हैं। यह निजी निवेशकों को आश्वस्त करता है कि परियोजना में निवेश करना सुरक्षित है, जिससे विकास कार्यों में स्थिरता आती है।
(4) परियोजना की लागत में कमी: VGF योजना के तहत, सरकार के अनुदान से परियोजनाओं की लागत घट जाती है, जिससे निजी निवेशकों को वित्तीय रूप से कम दबाव का सामना करना पड़ता है। यह बुनियादी ढांचे के विकास को आर्थिक रूप से सशक्त बनाता है।
(5) दीर्घकालिक विकास की संभावना: VGF योजना शहरी बुनियादी ढांचे के विकास में दीर्घकालिक लाभ देती है। इसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को सुधारते हुए, स्थिर और सतत विकास की दिशा में अग्रसर करना है।
PPP मॉडल में VGF की भूमिका
(1) साझा जोखिम और लाभ: PPP मॉडल में VGF योजना जोखिम और लाभ का साझा करती है। सरकार और निजी क्षेत्र दोनों मिलकर शहरी परियोजनाओं में निवेश करते हैं, जिससे परियोजनाओं में निवेशकों के बीच विश्वास और स्थिरता बनी रहती है।
(2) विकास के लिए अनुकूल माहौल: VGF के माध्यम से PPP मॉडल शहरी बुनियादी ढांचे के लिए अनुकूल माहौल तैयार करता है। यह निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करता है, जिससे नए निवेश और संसाधनों के प्रवाह को बढ़ावा मिलता है, जो विकास को गति प्रदान करता है।
(3) सरकारी वित्तीय बोझ में कमी: VGF योजना के माध्यम से सरकार को अपनी पूंजी का प्रभावी उपयोग करने का अवसर मिलता है। यह सरकारी वित्तीय दबाव को कम करता है और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में अधिक निवेश को आकर्षित करता है।
(4) शहरी नवीनीकरण में प्रगति: PPP मॉडल और VGF योजना शहरी नवीनीकरण की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करती हैं। यह स्थानीय निकायों और निजी कंपनियों के बीच सहयोग को बढ़ावा देती है, जिससे शहरी क्षेत्रों में समग्र सुधार की दिशा में काम होता है।
(5) नवाचार को बढ़ावा देना: VGF योजना निजी क्षेत्र को प्रौद्योगिकी और नवाचार अपनाने के लिए प्रेरित करती है। इससे शहरी बुनियादी ढांचे में आधुनिक तकनीकों का समावेश होता है, जो परियोजनाओं को अधिक प्रभावी और सस्ती बनाता है।
VGF योजना शहरी बुनियादी ढांचे के विकास में वित्तीय स्थिरता और सरकारी-सहायता प्रदान करती है। PPP मॉडल के तहत, यह योजना निजी निवेशकों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाती है, जिससे समग्र शहरी विकास में वृद्धि होती है।