प्रश्न: दक्षिण भारत के प्राचीन इतिहास की सामाजिक और सांस्कृतिक परम्पराओं का ज्ञान कराने में संगम साहित्य कहाँ तक सहायक है?
How far Sangam literature acts as a window into the social and cultural traditions of ancient South India? [UPSC CSE 2023]
उत्तर: संगम साहित्य प्राचीन दक्षिण भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक जीवन को समझने के लिए एक अमूल्य स्रोत है। यह साहित्य मुख्य रूप से तमिल भाषा में रचित है और इसमें उस समय के लोगों के आदर्शों, विश्वासों और जीवन शैली का व्यापक चित्रण मिलता है।
(i) इस साहित्य में सामाजिक संरचना का महत्वपूर्ण विवरण मिलता है। उदाहरण के लिए, जाति व्यवस्था, वर्गों के बीच संबंध और उनके कर्तव्यों का विश्लेषण किया गया है। इस प्रकार, यह साहित्य उस समय की सामाजिक व्यवस्था को स्पष्ट करता है।
(ii) इस साहित्य में महिलाओं की स्थिति भी प्रमुख रूप से उल्लिखित है। महिलाओं को समाज में सम्मानजनक स्थान प्राप्त था और यह साहित्य उनके अधिकारों, शक्तियों और संघर्षों को चित्रित करता है। इससे महिलाओं की सामाजिक भूमिका का बोध होता है।
(iii) इस साहित्य में कृषि और व्यापार के महत्व का भी उल्लेख है। दक्षिण भारत में कृषि और व्यापार दोनों का बड़ा स्थान था। यह साहित्य दर्शाता है कि व्यापारियों और किसानों के जीवन में किस प्रकार की गतिविधियाँ और संबंध थे।
(iv) इस साहित्य में युद्ध और सैन्य जीवन पर भी विस्तृत वर्णन मिलता है। इसमें युद्ध के कारण, नायकत्व और सैन्य नीति का महत्वपूर्ण स्थान है, जो उस समय के राजनीतिक और सैन्य संदर्भ को उजागर करता है।
(v) इस साहित्य में धार्मिक विविधता भी स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है। हिन्दू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म के प्रभावों का उल्लेख किया गया है, जो उस समय की धार्मिक सहिष्णुता को दर्शाता है।
(vi) इस साहित्य में नैतिकता, आचार-व्यवहार और आदर्शों का भी समावेश है। यह साहित्य समाज में सत्य, न्याय, शौर्य और धैर्य जैसे आदर्शों के पालन को महत्वपूर्ण मानता था, जो उस समय के उच्च नैतिक मानक थे।
(viii) इस साहित्य में प्रकृति और पर्यावरण का विशिष्ट स्थान है। कवि अपनी रचनाओं में प्राकृतिक सौंदर्य, जलवायु और पर्यावरण का वर्णन करते हैं, जो उस समय की पर्यावरणीय चेतना का परिचायक है।
(viii) इस साहित्य में राजनीतिक दृष्टिकोण से आदर्श शासक और राज्यव्यवस्था का भी उल्लेख मिलता है। यह साहित्य यह बताता है कि शासक अपने प्रजा के कल्याण के लिए किस प्रकार कार्य करते थे।
निष्कर्षतः, संगम साहित्य दक्षिण भारत के प्राचीन इतिहास और संस्कृति के अध्ययन के लिए अत्यधिक सहायक है। यह न केवल उस समय के समाज और संस्कृति की गहन समझ प्रदान करता है, बल्कि प्राचीन दक्षिण भारतीय जीवन के विभिन्न पहलुओं को भी उजागर करता है।