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प्रश्न: हालांकि फ्रांसीसी क्रांति के लिए उत्तरदायी कारण घरेलू प्रकृति के थे, लेकिन इसका प्रभाव फ्रांस की सीमाओं से परे भी महसूस किया गया था। चर्चा कीजिए।

Que. While the causes of the French Revolution were domestic in nature, its impact was felt beyond the borders of France. Discuss.

दृष्टिकोण:

(i) फ्रांसीसी क्रांति का संक्षिप्त विवरण देते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।

(ii) उन आंतरिक कारणों को सूचीबद्ध कीजिए जिनके कारण यह क्रांति हुई थी।

(iii) फ्रांसीसी समाज और विश्व पर इसके प्रभावों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।

(iv) उपर्युक्त बिंदुओं के आधार पर निष्कर्ष प्रस्तुत कीजिए।

परिचय:

‘फ्रांसीसी क्रांति’ विश्व के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना थी। जिसके द्वारा प्रबोधन सिद्धांतों और लोकतंत्र की अवधारणा को शीर्ष वरीयता प्रदान की गई। इसने एक तर्कसंगत एवं समतावादी समाज के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया। फ्रांसीसी क्रांति 1789 में प्रारंभ हुई और 1799 में समाप्त हुई।

फ्रांसीसी क्रांति निम्नलिखित कारणों से घटित हुई थी:

(i) राजनीतिक कारणः लुई सोलहवां एक निरंकुश फ्रांसीसी शासक था। उसकी अविवेकपूर्ण नीतियों के कारण फ्रांसीसी उपनिवेशों की हानि हुई और उनकी सप्तवर्षीय युद्ध में हार हुई। इसके अतिरिक्त, राजा और अन्य कुलीन वर्गों ने अतिव्ययी जीवन शैली को अपनाया। इस व्यय का वहन राजकोष द्वारा किया जाता था। इससे लोगों में रोष व्याप्त हो गया था।

(ii) सामाजिक कारणः फ्रांसीसी समाज तीन श्रेणियों में विभाजित था। पहला और दूसरा वर्ग विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग था और तीसरा शोषित वर्ग था। इस विभाजित स्थिति ने तीसरे वर्ग के बीच असंतोष को बढ़ा दिया था।

(iii) धार्मिक कारणः फ्रांसीसी समाज में धार्मिक असंतोष व्याप्त था क्योंकि चर्च का कुल भूभाग के 40% से अधिक भूमि पर अधिकार था। वहीं गरीबों के पास कृषि के लिए बहुत कम भूमि उपलब्ध थी। साथ ही, जनता ‘टाइद’ (Tithe) नामक एक धार्मिक कर से परेशान थी, जो स्वैच्छिक तो था लेकिन इस कर की जबरन वसूली की जाती थी।

(iv) आर्थिक कारणः इनमें युद्ध पर किया गया अत्यधिक खर्च (जैसे- सप्तवर्षीय युद्ध), भ्रष्टाचार, तीसरे वर्ग पर अत्यधिक कराधान और राजशाही की अतिव्ययी जीवन शैली शामिल थी। इसके अलावा, युद्धगत ऋणों में 10% ब्याज बढ़ता रहा, जिसने फ्रांसीसी सरकार को देश में कर की दरों में वृद्धि करने हेतु मजबूर कर दिया।

(v) जनसांख्यिकीय कारण: 1715-1789 के बीच फ्रांस की जनसंख्या 23 मिलियन से बढ़कर 28 मिलियन हो गई थी। जिससे भोजन की मांग में वृद्धि हुई। यह स्थिति प्रायः सूखा जैसी जलवायु संबंधी आपदाओं के समय और भी गंभीर हो जाती थी। 

(vi) प्रबोधन का प्रभावः फ्रांस में रूसो जैसे दार्शनिकों और लेखकों ने फ्रांस की प्राचीन परंपराओं का महिमामंडन करके फ्रांसीसी समाज को जागृत किया। उन्होंने समाज को तर्कसंगत पद्धति के तर्ज पर पुनर्निर्मित करने के लिए पुराने प्राधिकारियों की गलत पद्धतियों को उजागर किया।

क्रांति के परिणामस्वरूप सामाजिक पदानुक्रम का अंत हुआ और सभी के लिए समानता की घोषणा हुई। इसके अतिरिक्त, इसने राजशाही को समाप्त कर दिया तथा संसदीय लोकतंत्र की स्थापना हुई। साथ ही, विधि के शासन एवं संविधान को अपनाया गया। 

हालांकि, फ्रांसीसी क्रांति के कारण घरेलू प्रकृति के थे, लेकिन इसका प्रभाव सीमाओं से परे भी बहुत गहरा पड़ा, जैसा कि निम्नलिखित माध्यम से देखा जा सकता है:

(i) मानवाधिकारः 1789 में फ्रांसीसी क्रांति के दौरान ‘नेशनल असेंबली द्वारा पुरुष एवं नागरिक अधिकारों के घोषणा-पत्र’ (Declaration of the Rights of Man and of the Citizen) को अपनाया गया। यह मानव अधिकारों के इतिहास में एक ऐतिहासिक दस्तावेज बन गया।

(ii) उपनिवेशों पर प्रभावः औपनिवेशिक समाजों ने संप्रभु राष्ट्र-राज्य की स्थापना के अपने आंदोलनों में दासता से मुक्ति के विचार को नयी परिभाषा दी। उदाहरण के लिए हैती की क्रांति, दक्षिण अमेरिका में स्पेनिश और पुर्तगाली उपनिवेशों के स्वतंत्रता आंदोलन आदि।

(iii) क्रांतिकारी विचारः इस क्रांति ने स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के क्रांतिकारी विचारों को जन्म दिया। टीपू सुल्तान और राजा राममोहन राय ऐसे उदाहरण हैं जिन्होंने क्रांतिकारी फ्रांस से उपजे विचारों से प्रेरणा ली थी।

निष्कर्ष:

फ्रांसीसी क्रांति एक ऐतिहासिक घटना थी। इस क्रांति ने न केवल फ्रांस के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक जीवन को प्रभावित किया बल्कि शेष विश्व को भी प्रभावित किया था।

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